95 wpm Hindi Steno dictation

95 WPM dictation in Hindi for Stenographers aspiring for SSC Stenographer exam, CRPF steno, DSSB and High Court steno, 800 Words dictation with transcription

सभापति महोदय, हमारे देश में गृह मंत्रालय और गृहमंत्री का कितना महत्व है , इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वतंत्र भारत में गृह मंत्रालय का भार सरदार पटेल ने स्वयं अपने कंधों पर लिया। सरदार पटेल का साहस, उनका उत्साह और उनकी बुद्धि, तीनों  ही हमारे गृह मंत्रालय के लिए आदर्श का काम कर सकती हैं। परंतु दुर्भाग्य से सरदार के पश्चात् इन तीनों बातों में कुछ कमी आती हुई दिखाई देती है। उदाहरण के लिए एक ही बात मेैं कहना चाहता हूँ।

 सभापति महोदय, हमारे देश में गृह मंत्रालय और गृहमंत्री का कितना महत्व है , इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वतंत्र भारत में गृह मंत्रालय का भार सरदार पटेल ने स्वयं अपने कंधों पर लिया। सरदार पटेल का साहस, उनका उत्साह और उनकी बुद्धि, तीनों  ही हमारे गृह मंत्रालय के लिए आदर्श का काम कर सकती हैं। परंतु दुर्भाग्य से सरदार के पश्चात् इन तीनों बातों में कुछ कमी आती हुई दिखाई देती है। उदाहरण के लिए एक ही बात मेैं कहना चाहता हूँ। 1962 में जब हमारे देश पर चीन का हमला हुआ तो 14 नवंबर 1962 को हम सब ने इसी सदन में खड़े होकर एक प्रस्ताव पास किया था, जिसके शब्द थे  – भारत की भूमि जब तक हम शत्रु से स्वतंत्र नहीं करा लेते तब तक हमारा यह संघर्ष बराबर जारी रहेगा, भले ही वह कितना ही लम्बा क्यों न हो। लेकिन कुछ दिन बाद आगे चलकर हमने राष्ट्रीय एकता सप्ताह या दिवस मनाना शुरू किया तो हमने उस प्रतिज्ञा को कुछ दूसरे शब्दों में बदल दिया। उस प्रतिज्ञा के शब्द थे – मैं अपने देशवासियों के संकल्प को दोहराता हूं कि मैं अफने देश की स्वतंत्रता तथा एकता की रक्षा करूंगा चाहे इसके लिए कितनी ही कड़ा और लंबा संघर्ष क्यों न करना पड़े। मैं राष्ट्रीय एकता तथा  बल के लिए तन-मन से काम करने की शपथ लेता हूं। लेकिन इस बार राष्ट्रीय एकता सप्ताह के सिलसिले में एक छोटा-सा प्रकाशन भारत-सरकार की ओर से प्रकाशित हुआ है। इस प्रकाशन में स्वयं इन्होंने लिखा कि 1962 में चीन द्वारा आक्रमण के बाद शपथ की भाषा में थोड़ा परिवर्तन कर दिया गया है और जो शब्द बदल दिये गये हैं उनको भी मैं सदन की जानकारी के लिए सुनाना चाहता हूँ।  मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं कभी हिंसा का प्रयोग नहीं करूंगा और मेरा विश्वास है कि धर्म, भाषा, प्रांत संबंधी तथा अन्य सभी राजनीतिक और आर्थिक विवादों का शांतिपूर्वक और संवैधानिक तरीकों द्वारा हल  किया जाना चाहिए।

अब मैं आपके माध्यम से जानना चाहता हूँ कि 1962 में संसद ने  जो निर्णय किया था, क्या भारत सरकार अपने उस  निर्णय से पीछे हट रही है? अगर सरकार अपने निर्णय से हट रही है तो यह जो सरकारी प्रकाशन आया है, जिसके द्वारा 1962 की शपथ की भाषा में परिवर्तन किया गया है, इसका आधार क्या है।

 सभापति महोदय, हम यह समझें कि किसी तरह का चीन का दबाव इस सरकार पर पड़ रहा है, जिसने सरकार के सोचने के ढंग में परिवर्तन कर दिया है। 

कठिन शब्द
  • माननीय सभापति महोदय
  • सहकारिता समिति
  • सहकारी खेती
  • विशेषकर
  • नागपुर
  • झुकाव
  • राजनैतिक पार्टी
  • भावना
  • किसान पार्टी
  • सामूहिक खेती
  • सरकारी दल
  • विरोधी दल
  • सहकारी बिल

वाक्यांश
  • मैं आपका बहुत आभारी हूं
  • बोलने के लिए
  • कुछ कहना चाहता हूं
  • निश्चय किया गया है
  • बनाया गया है
  • रखी गई है।
  • जहां तक
  • प्रस्ताव पास हुआ है
  • के संबंध में
  • मैं यह निवेदन करना चाहता हूं कि
  • यह जो कहा गया है
  • पैदा होती है
  • इसके साथ ही साथ
  • ले जाएगी
  • मैं यह कहना चाहता हूं
  • इस बिल के संबंध में
  • बहुत-सी बातें
  • विचार के लिए
  • पेश किया जाएगा
  • इस तरह की
  • उठाया जाता है